भारत में बढ़े स्ट्रोक, अल्जाइमर और ब्रेन कैंसर के मरीज; अधिक जोखिम में महिलाएं
भारत में बढ़े स्ट्रोक, अल्जाइमर और ब्रेन कैंसर के मरीज; अधिक जोखिम में महिलाएं
देश में 3 तरह के न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर हैं और 1990 से 2019 के बीच इन मरीजों की संख्या दोगुनी हो गई है.

नई दिल्ली, 17 जुलाई : भारत समेत पूरी दुनिया में कोरोना के कारण (कोरोना) तनावपूर्ण माहौल के कारण अन्य बीमारियां भी बढ़ रही हैं। मस्तिष्क संबंधी विकार (मस्तिष्क संबंधी विकार) यह रोग भी दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। बदली हुई जीवन शैली (जीवनशैली) और स्वास्थ्य की उपेक्षा के कारण भारत में रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है। लैंसेट ग्लोबल हेल्थ (लैंसेट ग्लोबल हेल्थ) जर्नल में प्रकाशित एक शोध अध्ययन में स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इस संबंध में चिंता व्यक्त करते हुए राज्यों को इस बीमारी के प्रति सतर्क रहने की चेतावनी दी है। देश में 3 तरह के न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर हैं और 1990 से 2019 के बीच इन मरीजों की संख्या दोगुनी हो गई है. लोगों को इस बीमारी के बारे में पूरी जानकारी नहीं है या इलाज के साधन भी उपलब्ध नहीं हैं। इसलिए, अध्ययन के अनुसार, तंत्रिका संबंधी विकारों को स्वास्थ्य चुनौती के रूप में पहचाना गया है।
इस शोध अध्ययन के सह-लेखक और दिल्ली अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) न्यूरोलॉजी विभाग में प्रोफेसर डॉ. मंजिरी त्रिपाठी ने 1990 से 2019 तक भारत में स्ट्रोक का अध्ययन किया। (आघात), अल्जाइमर, हेडऍक डिसऑर्डर (सिरदर्द विकार), मस्तिष्क कैंसर (मस्तिष्क कैंसर) अभिघातजन्य तनाव विकार के मामलों की संख्या में वृद्धि हुई है। कई राज्यों में ये मरीज बढ़ रहे हैं।
पूर्वोत्तर भारत और केरल में स्ट्रोक, भूलने की बीमारीकामरीजों में दोहरीकरण
शोध के अनुसार छत्तीसगढ़, उड़ीसा, असम, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा जैसे राज्यों में स्टोक के मरीज बढ़ रहे हैं। ऐसे में केरल जैसे राज्यों में अल्जाइमर के मरीज ज्यादा हैं। 1990 से 2019 तक मरीजों की संख्या दोगुनी हो गई। इसके अलावा, अभिघातज के बाद के तनाव विकार की सबसे अधिक घटना तमिलनाडु, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख और केरल, गोवा में है।
यूपी और मध्य प्रदेश में संचारी विकार
उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, झारखंड, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मणिपुर, नागालैंड, उत्तराखंड और उड़ीसा में तंत्रिका संबंधी विकार (मस्तिष्क संबंधी विकार) मरीज़ बढ़ा हुआ। मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में मेनिनजाइटिस के बाद यह बीमारी बढ़ी है। हालांकि, पिछले 30 वर्षों में संचारी विकारों की घटनाओं में कमी आई है।
रुग्णता के कारण
डॉ. मंजिरी त्रिपाठी के अनुसार इस रोग के रोगियों की संख्या में वृद्धि का मुख्य कारण बदली हुई जीवनशैली है। आजकल लोग खान-पान पर ध्यान नहीं देते हैं। इसने स्ट्रोक और अल्जाइमर जैसी बीमारियों को भी जन्म दिया है। मोबाइल फोन के लगातार इस्तेमाल से आउटिंग की संख्या कम हो गई है। तनाव और तनाव भी विकार को बढ़ाते हैं। इसके लिए लोगों को अपनी जीवनशैली में बदलाव करने की जरूरत है।
भारत में 3 प्रकार के स्नायविक विकार पाए गए हैं। राज्यों की तुलना में कुछ राज्यों में ज्यादा मरीज हैं जबकि कुछ राज्यों में बहुत कम हैं।